26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मिली अंतिम मंजूरी
वाशिंगटन और मुंबई: 26/11 मुंबई हमले के प्रमुख आरोपी पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता अब साफ हो गया है। अमरीका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण को अंतिम मंजूरी दे दी है और उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रहा था, और अब उसे भारत की अदालत में सजा दिलाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
अमेरिका में राणा की कानूनी लड़ाई
राणा ने एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा और सजा का हवाला देते हुए अपने प्रत्यर्पण के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि, अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी. प्रीलोगर ने उसकी अपील को खारिज करने का आग्रह किया था। राणा ने अमेरिका में कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा। भारतीय एजेंसियों ने राणा के खिलाफ सबूत पेश किए, जिसके बाद पिछले अगस्त में अमरीकी कोर्ट ने भारत-अमरीका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने की मंजूरी दी थी।
राणा को भगोड़ा घोषित किया गया था
2011 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राणा सहित नौ अन्य लोगों के खिलाफ मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया था। 2014 में दिल्ली की सेशन कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे। एनआईए ने राणा सहित अन्य आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर उनकी तलाश तेज कर दी थी।
मुंबई हमले में हुई थी 166 लोगों की मौत
26/11 के मुंबई हमले में ताज होटल, नरिमन प्वाइंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट समेत कई स्थानों को निशाना बनाया गया था। इस भयावह हमले में 5 अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
समाप्ति
अब राणा के भारत प्रत्यर्पित होने के बाद उसे भारतीय अदालत में सजा दिलाने का रास्ता साफ हो गया है, और यह एक बड़ी कानूनी जीत है।