भारत सरकार ने स्वदेशी AI मॉडल के विकास के लिए 10,370 करोड़ रुपए के मिशन का ऐलान किया
भारत सरकार ने 10,370 करोड़ रुपए की राशि के साथ एक महत्वाकांक्षी स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल विकसित करने की योजना बनाई है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, अगले 10 महीनों में एक बड़ा भाषा मॉडल (LLM) लॉन्च किया जाएगा, जो भारतीय भाषाओं और संदर्भों के अनुरूप होगा।
इस मिशन के तहत, उच्च स्तरीय जीपीयू एक्सेस की कीमत 150 रुपए और निम्न स्तरीय के लिए 115.85 रुपए प्रति घंटा निर्धारित की गई है। हालांकि, सरकार इस पर 40% सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे लागत घटकर लगभग 1 रुपए प्रति घंटा रह जाएगी। वैश्विक स्तर पर यही सुविधा 2.5-3 डॉलर प्रति घंटे की दर पर उपलब्ध होती है।
AI सॉल्यूशन्स का पहला चरण
पहले चरण में सरकार ने 18 एआई सॉल्यूशन्स का चयन किया है, जो मुख्य रूप से कृषि, जलवायु परिवर्तन, और लर्निंग डिसएबिलिटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।
AI इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने के लिए, 10 कंपनियों को 18,693 जीपीयू की आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया है, जिनमें प्रमुख कंपनियां जैसे योटा, जियो, और टाटा कम्युनिकेशंस शामिल हैं। योटा अकेले 9,216 जीपीयू प्रदान करेगा।
AI सिस्टम का स्वदेशी विकास
सरकार इस समय 6 डेवलपर्स के साथ बातचीत कर रही है, और अगले कुछ महीनों में देश का खुद का एआई सिस्टम तैयार होगा। यह नया मॉडल भारतीय संदर्भों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा, जिससे यह अधिक प्रभावी, निष्पक्ष, और उपयोगकर्ता-मित्र बन सकेगा।
समाप्ति
भारत सरकार की इस पहल से देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक नया युग शुरू होने की उम्मीद है, जो न केवल भारतीय संदर्भों में उपयुक्त समाधान प्रदान करेगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी भारत को एक मजबूत स्थान दिलाएगा।